Hindi Poetry दिल की ख्वाहिश
दिल की ख्वाहिश दिल की ख्वाहिशें अनकही रह जाती हैं, कभी सपनों में, कभी हकीकत में खो जाती हैं। चाहतें दिल की, जैसे चाँदनी रात, कभी पास, कभी दूर, पर रहती हैं साथ। दिल की ख्वाहिशें, जैसे बहती नदी, रुकती नहीं, थमती नहीं, बस बहती ही जाती हैं। कभी हँसी में, कभी आँसू में, दिल की ख्वाहिशें, हर पल में समाती हैं। दिल की ख्वाहिशें, जैसे खिलता गुलाब, महकती हैं, बिखरती हैं, पर रहती हैं नायाब। कभी धूप में, कभी छाँव में, दिल की ख्वाहिशें, हर मौसम में सजती हैं। दिल की ख्वाहिशें, जैसे उड़ता पंछी, आसमान में, धरती पर, हर जगह बसती हैं। कभी गीत में, कभी संगीत में, दिल की ख्वाहिशें, हर सुर में बसती हैं। दिल की ख्वाहिशें, जैसे मीठी यादें, बीते कल की, आने वाले कल की, हर पल में रहती हैं। कभी किताबों में, कभी कहानियों में, दिल की ख्वाहिशें, हर पन्ने में लिखी जाती हैं। दिल की ख्वाहिशें, जैसे सागर की लहरें, उठती हैं, गिरती हैं, पर कभी थमती नहीं। कभी तन्हाई में, कभी महफिल में, दिल की ख्वाहिशें, हर दिल में बसती हैं। दिल की ख्वाहिशें, जैसे बचपन की बातें, मासूम, प्यारी, हर दिल को भाती हैं। कभी खेल में, कभी मेल में,...